24 फरवरी, 2022 से आज 3 महीनो से अधिक का समय हो चूका है और पूरी दुनिया किसी व्यक्ति के जिद के भयंकर परिणाम भोग रही है, जिसके अभी और भयकंर होने की संभावना सोरोस समेत दुनिया दुसरे चिंतक भी जता चुके हैं | अब इसे ज़ेलेंस्की के नाटो से जुड़ने की जिद का परिणाम बोले या पुतिन की साम्राज्यवादी जिद का, पर इसका भुगतान इस दोनों जिद्दी लोगो के साथ पूरी दुनिया कर रही है | विश्व को तेल व खाद्यान की कमी से होने वाली त्रासदी के लिए तो तैयार होना ही पडेगा साथ ही यदि इस लड़ाई ने अपने विध्वन्स्नात्मक शिखर पर पहुँच कर यदि परमाणु युद्ध का रूप ले लिया तो उस त्रासदी को झेलने की क्षमता आज की मानवजाति में नही हैं |
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दुनिया का सबसे खतरनाक व्यक्ति वह नहीं होता जिसके पास सब कुछ होता है बल्कि वो व्यक्ति होता है जिसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं | आज रूस को दुनिया से अलग - थलग करने का प्रयास रूस को वह व्यक्ति बनने की और ले जा सकता है | आज दुनिया के अग्रणी देशो की प्राथमिकताओं का दृष्टिकोण दंडनात्मक की बजाय सुधारात्मक होनी चाहिये | एक परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र को सबसे अलग करके और उसके लिए 'खोने के लिए कुछ नहीं' वाली स्तिथि उत्पन्न करने के समान होगा |