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Monday, May 31, 2021

Holiday Homework ( Summer Vacation ) Class 4 Hindi - ग्रीष्मावकाश गृहकार्य - कक्षा 4 हिंदी

 


केंद्रीय विद्यालय हाथरस

गृह कार्य ( ग्रीष्मकालीन अवकाश )

कक्षा - 4 हिंदी

2021-22

सूचना :

  • सभी प्रश्नों के उत्तर A4 प्रकार के कागज़ पर लिखें I
  • साफ़ और सुन्दर अक्षरों में लिखें I

बोधात्मक पठन

अनुच्छेद 1

नीचे दिए गए अनुच्छेद पढ़ो और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखो I

हिमालय पर्वतों का राजा है । यह बहुत विशाल है । इसमें अनेक चोटियाँ हैं । माउंट एवरेस्ट इसकी सबसे ऊँची चोटी है । भारत के उत्तर में स्थित लगभग 2500 किमी लंबी यह पर्वत श्रुंखला एक सजग प्रहरी की भाँति दिखाई देती है ।

हिमालय का महत्त्व आदि काल से है । पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है । कहा जाता है कि देवाधिदेव महादेव हिमालय में कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं । योगी यहाँ ध्यान लगाते रहे हैं । वे यहाँ की गुफाओं में निवास कर तपस्या करते रहे हैं । हिमाल के आँचल में बद्रीनाथकेदारनाथअमरनाथ आदि प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं । बहुत से लोग यहाँ के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए तथा पर्वतीय स्थलों पर पर्यटन के लिए आते हैं । यहाँ के अनेक स्थानों पर बर्फ पड़ती है अत: लोग यहाँ स्कीइंगआइस हॉकी जैसे खेलों का आनंद लेते हैं ।

1. हिमालय पर्वत की सबसे ऊँची चोटी का नाम क्या है ?

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2. हिमालय पर्वत श्रृंखला की लम्बाई कितनी है ?

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3. हिमालय के बारे में पुराणों में क्या वर्णन किया गया है ?

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4. अनुच्छेद में दिए गए तीर्थस्थलों का नाम लिखो I

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5. बड़ा शब्द का पर्यायवाची शब्द छाँट कर लिखो I

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अनुच्छेद 2

अब तो सुनील , दीपक और सुधीर का गुट मज़बूत होने लगा था I तीनों का ही कहना था कि गेंद दीपक की है और उसे ही मिलना चाहिए I

दिनेश तब तक चुप था I वास्तव में दिनेश का मन उस समय सबके साथ मिलकर उस गेंद से खेलने को कर रहा था I बोला , “अब चुप भी रहो झगड़ा बाद में कर लेंगे I अपने-अपने बल्ले ले आओ , पहले खेल लें I” पाँच मिनट के भीतर ही खेल आरम्भ हो गया I दिनेश बल्लेबाजी कर रहा था I अभी दो-चार बार ही खेला था कि वह चमकदार नई  गेंद एकदम ज़ोर से उछली और दरवाज़ा पार कर सड़क पर जाते हुए एक स्कूटर में बनी सामान रखने की जालीदार टोकरी में जा गिरी I

1. तीनों का कहना था कि गेंद दीपक की है I इस वाक्य में तीनों कौन-कौन है ?

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2. दिनेश का मन उस समय क्या करने को कर रहा था ?

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3. खेल शुरू होने के बाद बल्लेबाजी कौन कर रहा था ?

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4. खेलते समय गेंद के साथ क्या हुआ ?

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5. खाली जगह भरो I बल्ला : बल्लेबाजी  : : गेंद : ....................

पाठ्याधारित प्रश्नोत्तर

1. अभिनय के साथ कविता वाचन का अभ्यास करो I कविता – मन के भोले भाले बादल

2. बादल के बारे में चार वाक्य लिखो I

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3. ख्वाजा सरा ने बीरबल के लिए कितने सवाल प्रस्तुत किए थे ? उनकी सूची बनाओ I

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4. पाँच बेल और पाँच पौधों की सूची बनाओ I

बैल

पोधा

 

 


 


 

  

 

       

 

 

5. दीपक ने गेंद के ऊपर हक ज़ाहिर करने के लिए क्या किया उसकी सूची बनाओ I

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6. बीरबल के बारे में तीन वाक्य लिखो I

क्रियात्मक लेखन

अनुच्छेद लेखन

1. नीचे दिए गए विषयों पर पाँच पाँच वाक्यों का अनुच्छेद लिखो I

  • बाढ़
  • क्रिकेट

चित्र रचना

1. नीचे दिए गए चित्र के बारे में एक अनुच्छेद लिखो



संकेत : पतंग , आसमान , खाना , झूला , नदी , मछली , मौज करना )

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नारा लेखन

कोरोना बीमारी के बारे में लोगों को जागृत करने के लिए पाँच नारा लिखिए I

पोस्टर प्रस्तुति

नीचे दिए गए विषय पर एक पोस्टर बनाओ I

“जंगल बचाओ”

व्याकरण

1. नीचे दिए गए मुहावरों को वाक्य में व्यवहार करो I

कलई खुलना : ...............................................................................................

नाक-भौंह सिकोड़ना .....................................................................................

तूती बोलना .....................................................................................................

छक्के छूटना ...................................................................................................

2. सही वाक्य बनाओ

रंग – रूप गेंदों होते के हैं अनेक I

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सभी एक के  की देखा लिए ने एक  पल दुसरे ओर I

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प्रश्न अकबर दूसरा किया ने I

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दरबारी कुछ से जलते बीरबल थे I

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3. विलोम शब्द लिखो

शब्द

विलोम शब्द

निंदा

 

चतुर

 

गहराई

 

गर्मी

 

नई

 

 

सुलेख

नीचे दिए गए अनुच्छेद को साफ़ और सुनदर अक्षरों में लिखो I

नदी

जीवन के शुरुआत से अंत तक नदियों का प्राणी जीवन पर उपकार रहे हैं। नदियाँ सदैव से ही मानव के लिए जीवन दायनी रही है। नदियाँ प्रकृति का अभिन्न हिस्सा हैनदियों से ही पृथ्वी पर जीवन संभव हैजीवन जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्रोत जल हैजो नदियों से ही प्राप्त होता है। 

नदियाँ अपने साथ बारिश का जल एकत्र करउसे भू-भाग में पहुँचाने का महत्वपूर्ण काम करती हैं। नदियाँ देश के विकास में बहुत साथ देतीं हैं फिर चाहे वह आर्थिक विकाससामाजिक विकास या फिर धार्मिक विकास ही क्यों न हो। नदी से एक नहीं अपितु कई लाभ होते हैं। नदियाँ धरती पर जीवन जीने के लिए एक आशीर्वाद हैं।

हवा

पृथ्वी पर जीवन का मूल आधार सर्वप्रथम वायु को दिया जाता है जिसके द्वारा पेड़पौधेपशुपक्षीइन्सान तथा सभी जीवित प्राणी जीवन प्राप्त करते हैं । हवा से प्राप्त आक्सीजन के द्वारा ही इन्सान का जीवन सुचारू रूप से किर्याशील है अन्यथा एक मिनट के सिमित समय में आक्सीजन प्राप्त ना होने पर इन्सान मृत्यु को प्राप्त हो जाता है । इसलिए वायु के बगैर जीवन की कल्पना करना भी कठिन कार्य है । इन्सान के मस्तिक को भी आक्सीजन की पूर्ति ना होने पर वह कार्य करना बंद कर देता है तथा इन्सान कोमा के कारण बेहोश मरणासन्न अवस्था में जीवित रह जाता है । ऐसे कारण हवा की महत्वता को प्रमाणित करते हैं ।


Sunday, May 30, 2021

Plantation on World Environment Day - विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधे/वृक्ष लगाएँ

 पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है। वहीं 'आवरण' का मतलब है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। 

हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य कारण है व्यक्ति को पर्यावरण के प्रति सचेत करने का। हम इंसानों और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा संबंध है। प्रकृति के बिना हमारा जीवन संभव नहीं है। हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाना ही होगा। विश्व में लगातार वातावरण दूषित होते जा रहा है, जिसका गहरा प्रभाव हमारे जीवन में पड़ रहा है।

पौधा लगाने की विधि

  1. पौधा गड्ढे में उतनी गहराई में लगाना चाहिए जितनी गहराई तक वह नर्सरी या गमले में या पोलीथीन की थैली में था। अधिक गहराई में लगाने से तने को हानि पहुँचती है और कम गहराई में लगाने से जड़े मिट्टी के बाहर जाती है, जिससे उनको क्षति पहुँचती है।

  2. पौधा लगाने के पूर्व उसकी अधिकांश पत्तियों को तोड़ देना चाहिए लेकिन ऊपरी भाग की चार-पांच पत्तियाँ लगी रहने देना चाहिए। पौधों में अधिक पत्तियाँ रहने से वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) अधिक होता है अर्थात् पानी अधिक उड़ता है। पौधा उतने परिमाण में भूमि से पानी नहीं खींच पाता क्योंकि जड़े क्रियाशील नहीं हो पाती है। अतः पौधे के अन्दर जल की कमी हो जाती है और पौधा मर भी सकता है।

  3. पौधे का कलम किया हुआ स्थान अर्थात् मूलवृन्त और सांकुर डाली या मिलन बिन्दु (Graft Union) भूमि से ऊपर रहना चाहिए। इसके मिट्टी में दब जाने से वह स्थान सड़ने लग जाता है और पौधा मर सकता है।

  4. जोड़ की दिशा दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर रहना चाहिए। ऐसा करने से तेज हवा से जोड़ टूटता नहीं है।

  5. पौधा लगाने के पश्चात् उसके आस-पास की मिट्टी अच्छी तरह दबा देनी चाहिए, जिससे सिंचाई करने में पौधा टेढ़ा न हो पाए।

  6. पौधा लगाने के तुरन्त बाद ही सिंचाई करनी चाहिए।

  7. जहाँ तक सम्भव हो पौधे सायंकाल लगाये जाने चाहिए।

  8. यदि पौधे दूर के स्थान से लाए गये हैं तो उन्हें पहले गमले में रखकर एक सप्ताह के लिए छायादार स्थान में रख देना चाहिए। इससे पौधों के आवागमन में हुई क्षति पूरी हो जाती हैं। इसके पश्चात् उन्हें गढ्ढों में लगाना चाहिए। तुरन्त ही गढ्ढे में लगा देने से पौधों के मरने का भय रहता है।

पौधे जो भी लगाये जाएँ उनमें निम्नलिखित गुण होने चाहिए, यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है:

  1. पौधे की उम्र कम से कम एक वर्ष होनी चाहिए। दो वर्ष से अधिक उम्र के पौधे भी नहीं लगाना चाहिए, उनके मरने का अधिक भय रहता है।

  2. पौधे यथासम्भव गूटी विधि से या कलिकायन या उपरोपण विधि से तैयार किये हुए होने चाहिए। ऐसे पौधे कलमी या ग्राफ्टेड (Grafted)पौधे कहलाते है। ऐसे पौधों में अपने पेतृक वृक्ष से कम से कम गुणों में विभिन्नता होती है। बीज से तैयार किए गये पौधे पैतृक गुणों को स्थिर नहीं रख पाते , पर फिर वह भी अच्छे होते हैं।

  3. पौधे अपने किस्मों के अनुसार सही होने चाहिए। अतः पौधे विश्वसनीय नर्सरी से ही मंगाए जाने चाहिए। ऐसी नर्सरी से पौधे नहीं लेना चाहिए जिससे मातृ वृक्ष (Mother Plants) न हो।

  4. किसी भी प्रकार के रोग से संक्रमित नहीं होने चाहिए।

  5. एक तने वाले सीधे, कम ऊँचाई वाले, फैले हुए उत्तम रहते है।

  6. पौधों का मिलन बिन्दु (Graft Union) अच्छी तरह जुड़ा होना चाहिए।

  7. कलिकायन या उपरोपण किए हुए पौधे में मिलन बिन्दु भूमि के कम से कम दूरी पर हो अर्थात् मूलवृन्त (Root Stock) का भाग या तना कम से कम लम्बाई का होना चाहिए।

  8. पौधा ओजस्वी (Vigrous) तेजी से बढ़ता हुआ हो।

  9. पौधा पोलीथीन या गमला में लगा हुआ हो। ऐसे पौधे लगाने पर कम मरते हैं।

  10. यदि पौधे नर्सरी से उखाडे़ गये हो तो उनकी जड़ों में पर्याप्त मिट्टी का पिण्ड होना चाहिए।

Sunday, May 23, 2021

Summer Vacation Activity - Make Model of Mathematical Park


Video For Instructions of Activity -




 Some Ideas for Make Model of Mathematical Park -









Good Luck👍





Monday, May 17, 2021

महाराष्ट्र के 15 पर्यटन स्थल और घूमने की जानकारी – Tourist Places In Maharashtra

 महाराष्ट्र भारत का एक प्रमुख राज्य है जिसको ‘गेटवे ऑफ द हार्ट ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है। महाराष्ट्र देश के दूसरे कई राज्यों की तुलना में काफी बड़ा है। पश्चिमी घाट से निकटता के कारण यह तरफ पहाड़ों की सुरम्य पृष्ठभूमि से धन्य है और दूसरी तरफ सुंदर कोंकण तट है। महाराष्ट्र हर साल अपने असीमित आकर्षणों की वजह से पर्यटकों को आमंत्रित करता है। भारत में दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य महाराष्ट्र भारत के दिल के मध्यप्रदेश के ठीक बगल में स्थित है। महाराष्ट्र कई प्राचीन किलों, महलों, गुफाओं, मंदिरों और कई प्राकृतिक पर्यटन स्थलों से भरपूर हैं।


1. महाराष्ट्र का इतिहास – History Of Maharashtra In Hindi

महाराष्ट्र का इतिहास - History Of Maharashtra In Hindi

महाराष्ट्र का समृद्ध इतिहास आपको उस पुराने समय में वापस लेकर जाता है जब यह तीसरी और चौथी शताब्दी में कोंकण का क्षेत्र मौर्यों के नियंत्रण में आ गया था। मौर्य साम्राज्य के विघटन के बाद सातवाहन (230 ईसा पूर्व – ईस्वी 225) इस क्षेत्र पर शासन करने के लिए आए। यहां पर बाद में चालुक्य और राष्ट्रकूट साम्राज्यों के महान शासक आए जिन्होंने महाराष्ट्र को संस्कृति और कला का महान केंद्र बनाया। यादव इन राज्यों में अंतिम राजा थे जिन्होंने 12 वीं शताब्दी की शुरुआत में अपनी सत्ता खो दी और जिसके बाद महाराष्ट्र में मुसलमानों ने लम्बी अवधि तक शासन किया। 17 वीं शताब्दी में मराठा इस क्षेत्र पर शासन करने के लिए आये। शिवाजी मराठों के पहले महान शासक थे और अंग्रजों ने मराठों को हराने के बाद यहां अपना शासन स्थापित किया।



2. महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल – Maharashtra Paryatan Sthal Information In Hindi

महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल - Maharashtra Paryatan Sthal Information In Hindi

महाराष्ट्र भारत का एक ऐसा राज्य है जो अपने कई पर्यटन स्थलों जैसे प्राचीन किलों, महलों, गुफाओं, मंदिरों और प्राकृतिक स्थानों के लिए दुनिया भर में मशहूर है, अगर आप महाराष्ट्र राज्य की यात्रा करना चाहते हैं तो आगे पढ़ते रहे हम आपको यहां महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।

2.2 महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल अजंता और एलोरा गुफाएं – Maharashtra Ke Paryatan Sthal Ajanta And Ellora Caves In Hindi

महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल अजंता और एलोरा गुफाएं - Maharashtra Ke Paryatan Sthal Ajanta And Ellora Caves In Hindi

अजंता और एलोरा गुफाएं भारत के महाराष्ट्र राज्य में औरंगाबाद शहर के पास स्थित हैं जो भारत की सबसे प्राचीन प्राचीन रॉक-कट गुफाओं में से एक हैं। अजंता और एलोरा गुफाएं महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा घूमने जाने वाले पयर्टन स्थलों में से एक है। सुंदर मूर्तियों, चित्रों और भित्तिचित्रों के साथ सुसज्ज्ति अजंता और अलोरा की गुफाएँ बौद्ध, जैन और हिंदू स्मारकों का मेल है। अजंता और एलोरा की गुफाएँ यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूचि में शामिल किया गया है।


2.3 महाराष्ट्र में घूमी जाने वाली जगह पुणे – Maharashtra Me Ghumi Jane Wali Jagha Pune In Hindi

महाराष्ट्र में घूमी जाने वाली जगह पुणे - Maharashtra Me Ghumi Jane Wali Jagha Pune In Hindi

पुणे महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और प्रमुख पर्यटन स्थल है। पुणे ऐसा शहर है जो यहां आने वाले पर्यटकों को अपने पर्यटन स्थलों से प्रसन्न कर देता है उनको पूरी तरह रोमांचित कर देता है। पुणे शहर अपने ऐतिहासिक किलों, साफ समुद्र तटों, पिकनिक स्पॉट और झरनों की वजह से काफी लोकप्रिय है। अगर आप महाराष्ट्र घूमने की लिए जा रहे हैं तो एक बार पुणे शहर की यात्रा जरुर करें।

2.4 महाराष्ट्र का प्रमुख धार्मिक स्थल शिरडी – Maharashtra Ka Pramukh Dharmik Sthal Shirdi In Hindi

महाराष्ट्र का प्रमुख धार्मिक स्थल शिरडी - Maharashtra Ka Pramukh Dharmik Sthal Shirdi In Hindi

शिरडी महाराष्ट्र का प्रमुख धार्मिक स्थल होने के साथ ही भारत का  एक प्रमुख पर्यटक स्थल भी है जहां पर हर रोजाना भारी संख्या में भक्त साईं बाबा के दर्शन करने के लिए जाते हैं। शिरडी भारत के महान संत साईं बाबा का घर है जहां पर उनके कई मंदिर और उनसे जुड़े हुए ऐतिहासिक स्थल बने हुए हैं। शिरडी नासिक शहर से जुड़ा हुआ है और यह एक छोटी जगह होने के बाद भी धार्मिक स्थलों से भरा हुआ है। शिरडी आने वाले भक्तों का मानना है कि साईं बाबा उनकी हर मनोकामना को पूरा करेंगे। शिरडी की यात्रा के दौरान आप यहां स्थित चावड़ी, समाधि मंदिर और वेट एन जॉय वाटर पार्क जैसे स्थलों की यात्रा भी कर सकते हैं।


2.5 महाराष्ट्र के हिल स्टेशन पंचगनी – Maharashtra Ke Hill Station Panchgani In Hindi

महाराष्ट्र के हिल स्टेशन पंचगनी - Maharashtra Ke Hill Station Panchgani In Hindi

पंचगनी महाराष्ट्र का एक प्रमुख हिल स्टेशन है जो 1334 मीटर की ऊंचाई स्थित है। पंचगनी का नाम महाराष्ट्र के सबसे ठंडे और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की लिस्ट में आता है। यह जगह अपने मनोरम दृश्यों की वजह से जानी जाती है जिसका इस्तेमाल ब्रिटिश काल में ग्रीष्मकालीन रिसॉर्ट के रूप में उपयोग किया जाता था। सह्याद्री पर्वत की पांच पहाड़ियों की वजह से महाराष्ट्र के इस पर्यटन स्थल का नाम पंचगनी पड़ा है। पंचगनी की उंचाई से आप कमलगढ़ किले और धाम डैम झील के आकर्षक नजारों को देख सकते हैं। पंचगनी पर्यटन स्थल प्रकृति प्रेमी लोगों के लिए जन्नत के सामान है।

2.7 महाराष्ट्र का धार्मिक स्थल नासिक – Maharashtra Ka Dharmik Sthal Nashik In Hindi

महाराष्ट्र का धार्मिक स्थल नासिक - Maharashtra Ka Dharmik Sthal Nashik In Hindi

नासिक महाराष्ट्र का एक ऐसा धार्मिक हिंदू शहर है जो हर 12 साल में होने वाले कुंभ मेले को आयोजित करता है। नासिक महाराष्ट्र में गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक शहर है जो बहुत सारे सारे विदेशी मंदिरों का घर है और हिंदू पुरानी कथा की उस जगह के रूप में भी प्रसिद्ध है जहां पर लक्ष्मण द्वारा रावण की बहन, शूर्पणखा की नाक काटी गई थी। शिरडी और त्र्यंबकेश्वर आने वाले हजारों पर्यटक नासिक घूमने के लिए भी आते हैं। नासिक में कई मंदिरों के साथ किले, झरने और अंगूर के बाग भी हैं। 

2.8 महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल औरंगाबाद – Maharashtra Ke Paryatan Sthal Aurangabad In Hindi

महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल औरंगाबाद - Maharashtra Ke Paryatan Sthal Aurangabad In Hindi

औरंगाबाद महाराष्ट्र राज्य का प्रमुख शहर है जिसको सरकार ने साल 2010 में महाराष्ट्र की पर्यटन राजधानी के रूप में घोषित किया था। औरंगाबाद एक प्रमुख पर्यटन केंद्र है जो पर्यटकों को अपने दर्शनीय स्थलों के साथ प्रसन्न करने की दम रखता है। औरंगाबाद शहर को अपना नाम 17 वीं शताब्दी ईस्वी में मुगल सम्राट औरंगजेब की पूर्ववर्ती राजधानी होने की वजह से मिला था। यह शहर अजंता और एलोरा, दौलताबाद किले की बेहद प्रसिद्ध गुफाओं के लिए काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा यह औरंगजेब के मकबरे और अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध बीबी और काक-मकबरा, भारत में 12 शिव ज्योतिर्लिंग में से एक का घर होने की वजह से जाना जाता है।

2.9 महाराष्ट्र का हिल स्टेशन लवासा – Maharashtra Ka Hill Station Lavasa In Hindi

महाराष्ट्र का हिल स्टेशन लवासा - Maharashtra Ka Hill Station Lavasa In Hindi

महाराष्ट्र में स्थित लवासा भारत के नए हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है। यह शहर एक सुंदर परियोजना है जो इटालियन शहर पोर्टोफिनो पर आधारित है। लवासा 7 पहाड़ियों में फैला हुआ है जो 25000 एकड़ के क्षेत्र को कवर करता है। लवासा सुंदरता और इंफ्रास्ट्रक्चर का एक आदर्श मिश्रण है जो अपने पर्यटकों को सुरम्य दृश्यों से लेकर होटल, रिसॉर्ट्स, शैक्षणिक संस्थानों, आईटी कंपनियों, मॉल, आवासीय संपत्ति, आदि के साथ बहुत अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढांचे की पेशकश करता है।

2.10 महाराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन स्थल लोनावाला – Maharashtra Ka Paryatan Sthal Lonavala In Hindi

महाराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन स्थल लोनावाला - Maharashtra Ka Paryatan Sthal Lonavala In Hindi

लोनावाला महाराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो पुणे और मुंबई के करीब स्थित है। यह पर्यटन स्थल अपने बहुत सारे झरनों, झीलों और पहाड़ियों के साथ पर्यटकों और ट्रेकर्स के लिए अच्छी जगह है। लोनावाला, सह्याद्री पहाड़ियों का एक हिस्सा है जो पर्यटकों को प्रकृति का आकर्षक और मनमोहक अनुभव प्रदान करता है। अगर आप लोनावाला घूमने के लिए आते हैं तो यहां के रास्ते पर पड़ने वाले खंडाला और राजमाची की यात्रा जरुर करें।

2.11 महाराष्ट्र में घूमने की जगह अलीबाग – Maharashtra Me Ghumne Ki Jagha Alibag In Hindi

महाराष्ट्र में घूमने की जगह अलीबाग - Maharashtra Me Ghumne Ki Jagha Alibag In Hindi

अलीबाग महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में बसा एक छोटा सा तटीय (Coastal) शहर है जो पूरे साल पर्यटकों द्वारा वीकेंड पर छुट्टी मानाने का पर्यटन स्थल है। अलीबाग को ‘मिनी-गोवा’ के नाम से भी जाना जाता है। औपनिवेशिक इतिहास में डूबा शहर अलीबाग मुंबई से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो अपने रेतीले समुद्र तटों, साफ हवा, कई मंदिरों और किलों से भरपूर है। अलीबाग एक छोटा शहर होने के बाद भी अपने पर्यटकों को काफी निराश नहीं करता।

2.12 महाराष्ट्र में घूमने वाली जगह खंडाला – Maharashtra Me Ghumne Wali Jagha Khandala In Hindi

महाराष्ट्र में घूमने वाली जगह खंडाला - Maharashtra Me Ghumne Wali Jagha Khandala In Hindi

खंडाला सह्याद्रि की तलहटी पर स्थित महाराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो सुंदर घाटियों, घास की पहाड़ियों, शांत झीलों और धुंध भरे झरनों के साथ मुंबई के लोगों के लिए आदर्श पर्यटन स्थल है। अगर आप महाराष्ट्र के भाग दौड़ वाले शहरों से दूर किसी शांत जगह पर जाना चाहते हैं तो खंडाला एक आदर्श जगह है। मानसून के दौरान प्राकृतिक सुंदरता अपने चरम पर होती है।

2.13 महाराष्ट्र का पर्यटन स्थल भंडारा – Maharashtra Ka Prayatan Sthal Bhandardara In Hindi

महाराष्ट्र का पर्यटन स्थल भंडारा - Maharashtra Ka Prayatan Sthal Bhandardara In Hindi

भंडाराड़ा महाराष्ट्र के सह्याद्रि पर्वतमाला में स्थित एक पर्यटन हिल स्टेशन है जहां पर आप प्रकृति के सभी आशीर्वाद को देख सकते हैं। भंडाराड़ा हरियाली, झरने और पहाड़ों से घिरी एक ऐसी जगह है जो शहरवासियों के लिए परफेक्ट हॉलिडे स्पॉट है। भंडाराड़ा मुंबई से 117 किमी है। मुंबई से रोड के माध्यम से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

2.14 ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन – Tadoba National Park In Hindi

ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन - Tadoba National Park In Hindi

ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान अपनी प्राकृतिक विरासत के लिए है जो भारत के सबसे रोमांचक और सर्वश्रेष्ठ संरक्षित टाइगर रिजर्व में से एक है, जहां पर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र राज्य में सबसे अधिक दृश्यमान बाघ है। ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो चंद्रपुर जिले में स्थित है। यह स्थान वन्यजीवों और प्रकृति प्रेमियों किये वीकेंड पर जाने के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है। इस क्षेत्र में वनस्पतियों और जीवों की दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती है।

2.15 महाराष्ट्र की प्रसिद्ध जगह कोल्हापुर – Maharashtra Ki Famous Jagha Kolhapur In Hindi

महाराष्ट्र की प्रसिद्ध जगह कोल्हापुर - Maharashtra Ki Famous Jagha Kolhapur In Hindi

कोल्हापुर महाराष्ट्र के दक्षिण-पश्चिम में पंचगंगा नदी के तट पर स्थित है एक ऐसा शहर है जो अपनी चप्पलों आभूषण और व्यंजनों की वजह सेएक लोकप्रिय स्थान बन गया। कोल्हापुर का नाम कोल्हासुर की एक पौराणिक कहानी से लिया गया है कोल्हासुर – एक दानव जिसका वद्ध देवी महालक्ष्मी ने किया था। यहां का प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर महालक्ष्मी के सम्मान में स्थित है।

2.16 रायगढ़ महाराष्ट्र के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल – Maharashtra Ka Aetihasik Sthal Raigad In Hindi

रायगढ़ महाराष्ट्र के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल - Maharashtra Ka Aetihasik Sthal Raigad In Hindi

रायगढ़ महाराष्ट्र का एक ऐतिहासिक रूप से समृद्ध जिला है जो कोंकण क्षेत्र में स्थित है और मुंबई हार्बर, ठाणे, पुणे, रत्नागिरी और अरब सागर घिरा हुआ है। मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1656 में यह क्षेत्र जीता था और इसके बाद उनका राज्य रायगढ़ में स्थानांतरित हो गया। रायगढ़ किला इस जगह के प्रमुख आकर्षणों में से एक है जिसका निर्माण समुद्र तल से काफी ऊँचाई पर चट्टान के अनियमित ढलान पर बनाया गया है। इस किले में शिवाजी की समाधि (कब्र) को रखा गया है। रायगढ़ को पर्यटकों द्वारा बेहद पसंद किया जाता है क्योंकि यह ऐतिहासिक स्थलों, कला और व्यंजनों के माध्यम से पूर्वजों की संस्कृति को संरक्षित करने में कामियाब रहा है।

2.17 महाराष्ट्र का पर्यटन स्थल नागपुर – Maharashtra Ka Paryatan Sthal Nagpur In Hindi

महाराष्ट्र का पर्यटन स्थल नागपुर - Maharashtra Ka Paryatan Sthal Nagpur In Hindi

नागपुर महाराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन शहर है जो अपने कई पर्यटन आकर्षणों जैसे अंबाझरी झील, फुटाला झील, रामटेक किला मंदिर, दीक्ष भूमी, बोहरा मस्जिद और नारंगी बागों के लिए जाना जाता है। नागपुर अपने मनोरम रसदार किस्मों के संतरों के साथ महाराष्ट्र की शीतकालीन राजधानी भी है और यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है।

2.18 महाराष्ट्र में देखने लायक जगह सूर्यमल – Maharashtra Me Dekhne Layak Jagah Suryamal In Hindi

महाराष्ट्र में देखने लायक जगह सूर्यमल - Maharashtra Me Dekhne Layak Jagah Suryamal In Hindi

सूर्यमल ठाणे जिले में स्थित इस क्षेत्र की प्रमुख चोटी है और महाराष्ट्र का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह छोटी सुंदर पहाड़ी साथ पर्यटकों के लिए एक खास जगह है जो बेहद लुहवानी है। आपको बता दें कि यह जगह घाटियों और हरे-भरे जंगलों से समृद्ध है जो प्रकृति उत्साही लोगों के लिए स्वर्ग के सामान जगह है। अगर आप शहर के भीड़ वाले वातावरण से बचना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक आदर्श जगह है।