आज केंद्रीय विद्यालय हाथरस में भारत स्कॉउट एवं गाइड स्थापना दिवस मनाया जा रहा है । जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को कुछ गतिविधियों में भाग लेना है तथा उसकी जानकारी गूगल फॉर्म में भरनी है । गूगल फॉर्म लिंक :- https://forms.gle/BwLp9auyvAvRVgYe6
गतिविधियाँ निम्न है :-
Today's foundation day of Scout & Guide. So, all have to do the following activities.
1.Good turn - Atleast two with photograph(doing any work at home to help your parents) .
2.Painting competition. Based on theme of scouting guiding.
3.Slogan writing for saving yourself from COVID.
4.Write a paragraph about scout and guide. (100 words)
5.Making useful items from waste material. Send a brief video while making this item.
All the students have to do at least 3 activities.
Important note:-
Students, who are in scout and guide have to wear scout and guide uniform.
उक्त गतिविधि में सभी विद्यार्थी भाग ले सकते हैं । जिनके पास कब-बुलबुल की यूनिफॉर्म है वे उस यूनिफॉर्म में फोटो भेजेंगे । जिनके पास नहीं है वे विद्यालय यूनिफॉर्म में गतिविधि करते हुए फोटो भेज सकते हैं ।
1. पहली गतिविधि में आप अपने माता - पिता की गृह कार्य मे सहायता करते हुए जैसे कपड़े तह करना, बेड साफ करना, सब्जी काटना, सेनेटाइजर द्वारा उनको सेनेटाइज़ करना आदि कर सकते हैं ।
2. स्काउट/गाइड से सम्बंधित कोई पेंटिंग बना सकते हैं जैसे:-
3.तीसरी गतिविधि में आप कोविड से बचाव पर कोई स्लोगन लिख सकते हैं जैसे:-
4. चौथी गतिविधि में आपको स्काउट गाइड से सम्बंधित एक पेरेग्राफ हिंदी/अंग्रेजी में लिखना है । इसमें आपको लिखना है कि कब - बुलबुल में जुडना आपको क्यों अच्छा लगता है तथा इससे जुड़ने के बाद आपमें क्या परिवर्तन आए।
5. पांचवी गतिविधि के अंतर्गत आपको अनुपयोगी सामग्रियों का उपयोग कर कोई भी उपयोगी सामग्री बनानी है। इसकी फोटो या सामग्री तैयार करते हुए एक छोटी वीडियो भेजनी है ।
भारत स्कॉउट/गाइड का इतिहास:-
स्काउट एवं गाइड आंदोलन वर्ष 1908 में ब्रिटेन में सर बेडेन पॉवेल द्वारा आरम्भ किया गया। धीरे-धीरे यह आंदोलन हर एक सुसंगठित राष्ट्र में फैलने लगा, जिसमे भारत भी शामिल था।
भारत में स्काउटिंग की शुरुआत वर्ष 1909 में हुई, तथा आगे चलकर भारत वर्ष 1938 में स्काउट आंदोलन के विश्व संगठन का सदस्य भी बना। वर्ष 1911 में भारत में गाइडिंग की शुरुआत हुई, तथा 1928 में स्थापित गर्ल गाइड्स तथा गर्ल स्काउट्स के विश्व संगठन में भारत ने एक संस्थापक सदस्य की भूमिका निभाई।
भारतवासियों के लिए स्काउटिंग की शुरूआत न्यायाधीश विवियन बोस, पंडित मदन मोहन मालवीय, पंडित हृदयनाथ कुंजरू, गिरिजा शंकर बाजपेई, एनी बेसेंट तथा जॉर्ज अरुंडाले के प्रयासों से वर्ष 1913 में हुई।
भारत में ‘भारत स्काउट्स एंड गाइड्स (बी.एस.जी.)’ राष्ट्रीय स्काउटिंग एवं गाइडिंग संगठन है। इसकी स्थापना 7 नवम्बर, 1950 को स्वतंत्र भारत में जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद तथा मंगल दास पकवासा के द्वारा की गई।
इसमें ब्रिटिश भारत में मौजूद सभी स्काउट एवं गाइड संगठनों को सम्मिलित किया गया। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसके एक वर्ष पश्चात् 15 अगस्त, 1951 को आल इंडिया गर्ल गाइड्स एसोसिएशन को भी भारत स्काउट्स एंड गाइड्स संगठन में शामिल कर लिया गया।
विश्व स्काउट संगठन में वर्ष 1947 से 1949 तक अपने अहम योगदान के लिए विवियन बोस जी को विशेष तौर पर याद किया जाता है। वर्ष 1969 में विश्व स्काउटिंग में अद्वितीय सेवा के लिए श्रीमती लक्ष्मी मजूमदार को विश्व स्काउटिंग द्वारा ‘ब्रॉन्ज़-वोल्फ’ सम्मान से सम्मानित किया गया था।
स्काउट्स एवं गाइड्स एक स्वयंसेवी, गैर-राजनीतिक, शैक्षिक आंदोलन है, जो हर एक नव जवान को मानवता की सेवा करने का मौका प्रदान करता है, बिना किसी भी तरह के रंग, मूल अथवा जाति भेद के। यह आंदोलन अपने लक्ष्यों, सिद्धांतों एवं विधियों के आधार पर कार्य करताज है, जिन्हें इसके संस्थापक लार्ड बेडेन पॉवेल द्वारा 1907 में बनाया गया था।
इस आंदोलन का उद्देश्य नवयुवकों की पूर्ण शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक क्षमताओं का विकास करना है, जिससे कि वे एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी क्षमताओं के द्वारा स्थानीय, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर योगदान कर सकें।
स्काउट/ गाइड आंदोलन निम्न कुछ प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है –
i) ईश्वर के प्रति कर्तव्य:- आध्यात्मिक नियमों का पालन करना, अपने धर्म के प्रति निष्ठावान रहना तथा अपने ईश्वर द्वारा प्रदत्त कर्तव्यों एवं ज़िम्मेदारियों को स्वीकार करना।
ii) अन्य लोगों के प्रति कर्तव्य:- •अपने राष्ट्र के प्रति निष्ठावान रहते हुए, स्थानीय, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति, समझ एवं आपसी सहयोग की प्रोत्साहित करना।
iii) स्वयं के प्रति कर्तव्य:- स्वयं के विकास की ज़िम्मेदारी को निभाना।
विधियां Methods
स्काउट/गाइड पद्धति प्रगतिशील स्वयं शिक्षा प्रणाली है, यद्यपि –
- यह एक वचन तथा कानून भी है।
- यह कर के सीखने में विश्वास रखता है।
- किसी वयस्क के नेतृत्व में छोटे समूहों की सदस्यता।
- प्रतिभागियों की रूचि के अनुसार विभिन्न प्रगतिशील एवं प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन।
स्काउट्स एंड गाइड्स में राष्ट्रपति तथा राज्य पुरस्कार सर्टिफिकेट से सीधे तौर पर जॉब की प्राप्ति नही हो सकती। परंतु ये सर्टिफिकेट आपके बायोडाटा के साथ संलग्न होने पर आपके जॉब पाने की सम्भावना को, बिना सर्टिफिकेट वाले लोगों से, कहीं अधिक बढ़ा देते हैं।
इंटरव्यू के वक़्त स्काउट गाइड प्रशिक्षण में मिले अनुभव आपको अपने प्रतिद्वंदियों से हमेशा दो कदम आगे रखते हैं। इसके अलावा भारतीय रेलवे में जॉब के लिए स्काउट्स/गाइड्स आरक्षण का भी प्रावधान है।
कुल मिलाकर आपको अपनी स्काउट/गाइड में मिले उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए। ये अनुभव प्रत्यक्ष रूप में तो न सही, परंतु अप्रत्यक्ष रूप में आपके आगामी जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। राष्ट्रपति तथा राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षरित तथा स्टाम्पड सर्टिफिकेट बहुत अधिक महत्ता रखते हैं।