सीढ़ीनुमा खेती पर्वतीय या पहाड़ी इलाकों के ढलवानुमा भूमि पर की जाती है। इन प्रदेशों में मैदानी इलाकों की तरह भूमि होने का अभाव है। इसी कारण इन पर्वत की ढलान ऊपर जलवा नुमा खेती बनाई जाती है।
जिससे सीढ़ीयों के आकार के खेत बनाए जाते हैं तथा उनमें खेती की जाती है। सीढ़ीदार खेती की वजह से मृदा अपरदन भी कम होता है। और यहां पर वे फसलें बहुत अच्छे से उगाई जाती हैं, जिनको पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए यहां पर धान की खेती बहुत अच्छी होती है।
जिससे सीढ़ीयों के आकार के खेत बनाए जाते हैं तथा उनमें खेती की जाती है। सीढ़ीदार खेती की वजह से मृदा अपरदन भी कम होता है। और यहां पर वे फसलें बहुत अच्छे से उगाई जाती हैं, जिनको पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए यहां पर धान की खेती बहुत अच्छी होती है।
जानवरों के पहाड़ी ढलानों पर चरने के फलस्वरूप हुये कम पैमाने के मृदा अपरदन के कारण प्राकृतिक रूप से छोटे आकार के सीढ़ीदार खेत विकसित हो जाते हैं।
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