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Monday, July 13, 2020

पृथ्वी The Earth

पृथ्वी

निर्माण

पृथ्वी ग्रह का निर्माण लगभग 4.54 अरब वर्ष पूर्व हुआ था और इस घटना के एक अरब वर्ष पश्चात् यहां जीवन का विकास शुरू हो गया था। तब से पृथ्वी के जैवमंडल ने यहां के वायु मण्डल में काफ़ी परिवर्तन किया है। समय बीतने के साथ ओजोन पर्त बनी जिसने पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के साथ मिलकर पृथ्वी पर आने वाले हानिकारक सौर विकिरण को रोककर इसको रहने योग्य बनाया। पृथ्वी का द्रव्यमान 6.569x1021 टन है। पृथ्वी बृहस्पति जैसा गैसीय ग्रह न होकर एक पथरीला ग्रह है। पृथ्वी सभी चार सौर भौमिक ग्रहों में द्रव्यमान और आकार में सबसे बड़ी है। अन्य तीन भौमिक ग्रह हैं- बुध, शुक्र और मंगल। इन सभी ग्रहों में पृथ्वी का घनत्व, गुरुत्वाकर्षण, चुम्बकीय क्षेत्र और घूर्णन सबसे ज्यादा है।

ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी सौर नीहारिका के अवशेषों से अन्य ग्रहों के साथ ही बनी। इसका अंदरूनी हिस्सा गर्मी से पिघला और लोहे जैसे भारी तत्व पृथ्वी के केन्द्र में पहुंच गए। लोहा व निकिल गर्मी से पिघल कर द्रव में बदल गए और इनके घूर्णन से पृथ्वी दो ध्रुवों वाले विशाल चुंबक में बदल गई। बाद में पृथ्वी में महाद्वीपीय विवर्तन या विचलन जैसी भूवैज्ञानिक क्रियाएं पैदा हुई। इसी प्रक्रिया से पृथ्वी पर महाद्वीप, महासागर और वायुमंडल आदि बने।

पृथ्वी
पृथ्वी
विवरणपृथ्वी आकार में पाँचवाँ सबसे बड़ा और सूर्य से दूरी के क्रम में तीसरा ग्रह है। सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह, जिस पर जीवन है।
अनुमानित आयु4600,000,000 / चार अरब साठ करोड़ वर्ष
सम्पूर्ण धरातलीय क्षेत्रफल510,100,500 / इक्यावन करोड़ एक लाख पाँच सौ वर्ग कि.मी.
भूमि क्षेत्रफल14,84,00,000 वर्ग कि.मी.
जलीय क्षेत्रफल36,13,00,000 वर्ग कि.मी. (71%)
आयतन1.08321X1012 घन कि.मी.
द्रव्यमान5.9736×1024 कि.ग्रा.
औसत घनत्व5.52 (पानी के घनत्व के सापेक्ष)
व्यास12,742 कि.मी.
विषुवत रेखीय व्यास12,756 कि.मी.
ध्रुवीय व्यास12,714 कि.मी.
समुद्रतल से अधिकतम ऊँचाई8848 मीटर (माउंट एवरेस्ट)
समुद्रतल से अधिकतम गहराई11,033 मीटर (मरियाना ट्रेंच)
सूर्य से दूरी14,95,97,900 / 14 करोड़, 95 लाख, 97 हज़ार, नौ सौ कि.मी.
चन्द्रमा से दूरी3,84,403 कि.मी. (लगभग)
परिभ्रमण काल365 दिन, 5 घण्टे, 48 मिनट, 45.51 सेकण्ड
घूर्णन अवधि23 घण्टे, 56 मिनट, 4.091 सेकण्ड (अपने अक्ष पर)
उपग्रहचन्द्रमा
सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश पहुँचने में लगने वाला समय8 मिनट 18 सेकण्ड
पृथ्वी के धरातल का सर्वाधिक निचला स्थानमृत सागर अथवा डेड सी (समुद्र तल से 423 मीटर नीचे)

Sunday, July 12, 2020

Maths Roman Numbers रोमन संख्याएँ

रोमन संख्यांक



हम हिन्दू-अरेबिक संख्याओं की पद्धति का ही प्रयोग करते रहे हैं। यह एक मात्र संख्यांक पद्धति नहीं है। संख्यांक लिखने की पुरानी पद्धतियों में से एक पद्धति रोमन संख्याओं की पद्धति है। यह पद्धति अभी भी अनेक स्थानों पर प्रयोग की जाती है। उदाहरणार्थ, हम घड़ियों में रोमन संख्याओं का प्रयोग देख सकते हैं इसका प्रयोग स्कूल की समय-सारणी में कक्षाओं के लिए भी किया जाता है इत्यादि।

रोमन संख्यांक

I, II, III, IV, V, VI, VII, VIII, IX, X

क्रमशः संख्याएँ - 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 और 10 व्यक्त करते हैं इसके बाद 11 के लिए XI और 12 के लिए XII - - -20 के लिए XX का प्रयोग होता है।

इस पद्धति के कुछ और संख्यांक संगत हिन्दू-अरेबिक संख्याओं के साथ इस प्रकार है-

I    V      X      L      C       D        M

1   5    10    50   100   500    1000

इन संख्याओं के लिखने के तरीके को देखा जाए तो हम कुछ तार्किक नियम ढूँढ़ सकते हैं जो शायद बच्चों और शिक्षकों दोनों से बातचीत करने में सहायक हो सकते हैं।

  • यदि किसी संख्यांक की पुनरावृत्ति होती है, तो जितनी बार वह आता है उसका मान उतनी ही बार जोड़ दिया जाता है अर्थात् II बराबर 2 है, XX बराबर 20 है और XXX बराबर 30 है।
  • कोई संख्यांक तीन से अधिक बार नहीं आता है परन्तु संख्यांक V, L और D की कभी पुनरावृत्ति नहीं होती है।
  • यदि छोटे मान वाला कोई संख्यांक बड़े मान वाले संख्यांक के दाईं और आता है तो बड़े मान में छोटे मान को जोड़ दिया जाता है जैसे

VI = 5+1 = 6

L X V = 50+10+5 = 65

  • यदि छोटे मान वाला कोई संख्यांक बड़े मान वाले किसी संख्यांक के बाईं ओर आता है तो बड़े मान में से छोटे मान को घटा दिया जाता है जैसे-

IV = 5 – 1 = 4                                    IX = 10 – 1 = 9

XL = 50 – 10 = 40                            XC = 100 – 10 = 90

  • संख्यांक V, L और D को कभी भी बड़े मान वाले संख्यांक के बाईं ओर नहीं लिखा जाता है। अर्थात V, L और D को कभी भी घटाया नहीं जाता है।
  • संख्यांक I को केवल V और X में से घटाया जा सकता है संख्यांक X को केवल L, C और M में से ही घटाया जा सकता है।

इन नियमों का पालन करने से, हमें प्राप्त होता है

 

1        I                  20      =       XX

2        II                 30      =       XXX

3        III                40      =       XL

4        IV               50      =       L

5        V                60      =       LX`

6        VI               70      =       LXX

7        VII              80      =       LXXX

8        VIII             90      =       XC

9        IX               100    =       C

10      X

बस अपना रोमन या गैर-रोमन नंबर दर्ज करें।

परिवर्तित होने की संख्या: 
 



यह कैलकुलेटर रोमन संख्याओं को अरबी संख्याओं में बदल देता है और इसके विपरीत।
रोमन इन संख्याओं का उपयोग किया: मैं 1, वी = 5 =, एक्स = 10, एल = 50, सी = 100, डी = 500 और एम = 1000। ज्यादातर मामलों में, उन्हें बस एक-दूसरे के पीछे रखा गया और जोड़ा गया। अपवाद: यदि एक अक्षर एक उच्च मूल्य के साथ एक पत्र के बाईं ओर खड़ा है, तो आप उस पत्र के मूल्य को घटाते हैं।