प्राथमिक चिकित्सा की पेटी
आईये आपको बताते हैं प्राथमिक चिकित्सा की पेटी (First Aid Kit) में किन चीजों का होना बहुत ही आवश्यक है।
1. श्वासनली की जाँच, साँस से जुडी और रक्तसंचार के जाँच के लिए प्राथमिक चिकित्सा पेटी सामग्री Airway, Breathing and Circulation Equipment Kit
- मुहँ के लिए मास्क Pocket mask
- चेहरे के लिए शील्ड Face shield
- रक्तदाबमापी Sphygmomanometer (blood pressure cuff)
- स्टेथोस्कोप Stethoscope
- इमरजेंसी फ़ोन नंबर
घरेलु प्राथमिक चिकित्सा के किट या पेटी में ये चीजें भी होनी चाहिए : स्पिरिट या अल्कोहल, बैंड ऐड, रुई, रुई के स्वब, आयोडीन लोशन, बैंडेज, H2O2 हाइड्रोजन पेरोक्साइड।
2. आघात या चोटों के लिए पेटी सामग्री Trauma injuries Kit
चोट लगना, खून निकलना, हड्डी का टूटना या जल जाने का सामग्री फर्स्ट ऐड किट में होना बहुत आवश्यक है। इसमें बहुत सारे बैंडेज और ड्रेसिंग सामान का होना जरूरी होता है। जैसे –
- चिपकाने वाली पट्टियां Adhesive bandages जैसे बैंड ऐड, स्टिकलिंग प्लास्टर (band-aids, sticking plasters)
- मोलस्किन Moleskin – छाले के उपचार और रोकथाम के लिए।
- ड्रेसिंग की सामग्री Dressings – जीवाणुरहित, घाव पर सीधे लगाने के लिए।
- अजिवाणु/कीटाणुरहित आँख के लिए पैड Sterile eye pads।
- अजिवाणु गौज पैड Sterile gauze pads।
- ना चिपकने वाला टेफ़लोन लेयर वाला पैड।
- पेट्रोलेटम गौज पैड – छाती के घाव पर लगाने के लिए तथा वायुरोध ड्रेसिंग के लिए और ना चिपकने वाले ड्रेसिंग के लिए।
- बैंडेज Bandages (ड्रेसिंग के लिए, स्टेराइल किये बिना)
- रोलर बैंडेज Gauze roller bandages – घाव को जल्द से जल्द सोकने में मददगार।
- इलास्टिक बैंडेज Elastic bandages – मांसपेशियों में खिचाव और प्रेशर पड़ने पर ड्रेसिंग में उपयोगी।
- जलरोधक बैंडेज Waterproof bandaging
- त्रिकोणीय पट्टियाँ या बैंडेज Triangular bandages – टूनिकेट(रक्त रोधी) जल्द से जल्द रक्त बहाव को रोकने के लिए।
- बटरफ्लाई क्लोसुरे स्ट्रिप्स Butterfly closure strips – बिना साफ़ किये हुए घाव के लिए।
- सेलाइन Saline- घाव को धोने के लिए या आँखों से गन्दगी निकलने के लिए।
- साबुन Soap – घाव को साफ़ करने के लिए।
- जले हुए घाव के लिए ड्रेसिंग Burn dressing – ठन्डे जेल पैक।
- कैंची Scissor
3. प्राथमिक चिकित्सा किट के लिए ज़रूरी दवाइयाँ Important Medicines to keep in First Aid Box
प्राथमिक चिकत्सा किट में कुछ जरूरी दवाइयाँ भी होनी चाहिए, जैसे –
- दर्द दूर करने वाली दवाइयाँ जैसे – Diclofenac, Aceclofenac, Paracetamol इत्यादि।
- दिल का दौरा पड़ने पर आराम के लिए दवाइयाँ जैसे – Aspirin, Sorbitrate, Nitriglycerin इत्यादि।
- कुछ एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट जैसे – Noesporin, Aloevera Gel, Clobetasol इत्यादि।
- घाव साफ़ करने के लिए एंटीबैक्टीरियल लोशन जैसे – Dettol, Savlon, Hydrogen Peroxide(H2O2) इत्यादि।
- अस्थमा के रोगियों के लिए दवाइयाँ जैसे – Asthalin Inhaler, Deriphyllin, Salbutamol इत्यादि।
- दस्त रोकने के लिए दवाइयाँ जैसे – Ofloxacin+Metronidazole, Loperamide, Lactic Acid Bacillus, ORS इत्यदि।
- उल्टी के लिए दवाइयाँ जैसे – Metoclopramide, Ondansetron इत्यादि।
प्राथमिक चिकित्सा के प्रकार उपचार सहित Types of First Aid with Treatment in Hindi
1. घाव या चोट लगने पर प्राथमिक चिकित्सा First Aid for Injury and bleeding in Hindi
- तुरंत अस्पताल पहुंचायें
- अगर घाव बहुत गहरा हो और खून बहुत ज्यादा बह रहा हो या 10 मिनट के बाद भी ना रुके तो नीचे दिए हुए स्टेप्स को follow करें-
- सबसे पहले ब्लीडिंग रोकें – चोट की जगह पर किसी कपडे, रुई की मदद से ज़ोर से दबा कर रखें जिससे की ब्लीडिंग बंद हो जाये।
- घाव को साफ़ करें – चोट या घाव को साबुन या गुनगुने पानी से धोएं। कटे और खुले हुए घाव में हाइड्रोजन पेरोक्साइड ना डालें।
- चोट पर एंटीबायोटिक मरहम लगायें और बैंडेज बांध दें।
- आगे की चिकित्सा के लिए घायल व्यक्ति को नजदीकी चिकित्सालय या अस्पताल ले जाएँ।
2. हड्डी टूटने पर प्राथमिक चिकित्सा
हड्डी कई कारणो से टूट सकती है जैसे किसी खेल के समय या किसी और दुर्घटना के कारण। कभी-कभी हड्डी टूटना जानलेवा भी हो सकता है।
हड्डी के टूटने के लक्षण
- चोट की जगह को छूने और हिलाने पर अगर दर्द हो।
- चोट की जगह पर सुज़न, सुन्न हो जाना या नीला पड़ जाना।
- पैर काम ना दे रहा हो उठाने में या problem हो रहा हो, खासकर जब कंधे और पैर के जोड़ों में चोट लगी हो तो।
- अगर हड्डी चमड़े के नीचे उभरी हुई हो।
हड्डी टूटने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स
- अगर आदमी बेहोश हो तो सबसे पहले ABC रूल को फॉलो करें।
- अगर कहीं खून निकल रहा हो तो पहले ब्लीडिंग को बंद करने की कोशिश करें।
- अगर घायल व्यक्ति को सदमा लगा हो तो पहले उससे सदमे के लिए प्राथमिक चिकित्सा दें और आराम से बात करें साथ ही सांत्वना दें।
- अगर आपको दिखा कोई हड्डी टूट गया है तो पहले उस हड्डी को सीधा कर के निचे एक गत्ते या लकड़ी का तख्ता देकर मजबूती से बैंडेज बाँध दें।
- चोट की जगह पर प्लास्टिक बैग में बर्फ रखकर दबाएँ।
- जल्द से जल्द मरीज़ को अस्पताल पहुँचायें।
3. करंट (बिजली का झटका) लगने पर प्राथमिक चिकित्सा First Aid for Electric Shock in Hindi
इलेक्ट्रिक शॉक के लगने पर खतरा कर्रेंट के वोल्टेज के हिसाब से होता है। इलेक्ट्रिक शॉक इतना खतरनाक हो सकता है कि इसमें अंदरूनी शारीर जल भी सकता है। यह पूरी तरीके से जानलेवा है।
इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर इस प्रकार के लक्षण आप देख सकते हैं
- अत्यधिक शारीर का जलना
- उलझन में पड़ना
- साँस लेने में मुश्किल
- हार्ट अटैक
- मांसपेशियों में दर्द
- दौरा पड़ना
- बेहोश हो जाना
इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स
- सबसे पहले बिजली के स्त्रोत को बंद करें। अगर ना हो सके तो किसी सूखी लकड़ी, प्लास्टिक या कार्ड बोर्ड से बिजली के स्त्रोत को घायल व्यक्ति से दूर कर दें।
- अगर आदमी होश में ना हो तो ABC रूल फॉलो करें।
- चोट लगे हुए स्थान पर बैंडेज लगायें और जले हुए स्थानों को साफ़ कपडे से ढक दें।
- जल्द से जल्द मरीज़ को नज़दीकी अस्पताल पहुंचायें।
4. जल जाने पर प्राथमिक चिकित्सा First Aid for Burn in Hindi
आप कई प्रकार से जल सकते हैं – गर्मी से, आग से, रेडिएशन से, सूर्य किरण, रासायनिक पदार्थ से और गर्म पानी से।
बर्न या जलने को 3 डिग्री में विवाजित है –
- फर्स्ट डिग्री बर्न – इसमें चमड़े का उपरी भाग लाल हो जाता है और दर्द भी बहुत होता है। थोडा सुजन आता है और त्वचा को छूने से सफ़ेद हो जाता है। जला हुआ त्वचा 1-2 दिन में निकल जाता है। इसमें घाव 3-6 दिन में भर जाता है।
- सेकंड डिग्री बर्न – इसमें त्वचा थोडा मोटे आकार में जल जाता है। इसमें दर्द बहुत होता है और फफोले या छाले निकल जाते हैं। इसमें त्वचा बहुत ज्यादा लाल हो जाता है और सुजन भी आता है। इसमें घाव 2-3 हफ्ते में भर जाता है।
- थर्ड डिग्री बर्न – इसमें त्वचा के तीनो लेयर जल जाता है। इसमें जला हुआ त्वचा सफ़ेद हो जाता है ऐसे में दर्द कम होता है या बिलकुल नहीं होता क्योंकि इसमें न्यूरॉन डैमेज हो जाता है। इसमें घाव भरने में बहुत समय लग जाता है।
जल जाने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स
फर्स्ट डिग्री बर्न होने पर प्राथमिक चिकित्सा कैसे करें?
- जले हुए जगह को 5 मिनट तक पानी में डूबा कर ठंडा कीजिये। इससे सुजन और जलन कम हो जायेगा।
- अलोवेरा क्रीम या एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट लगायें।
- हलके से बैंडेज बांधे।
- दर्द कम करने वाली दवाइयां खाएं (डॉक्टर से संपर्क करें)।
सेकंड डिग्री बर्न होने पर प्राथमिक चिकित्सा कैसे करें?
- जले हुए जगह को 15 मिनट के लिए पानी में डूबा कर ठंडा कीजिये जिससे जलन कमें और सुजन भी।
- एंटीबायोटिक क्रीम लगायें।
- प्रतिदिन नया ड्रेसिंग करें।
- दर्द कम करने वाली दवाइयां और एंटीबायोटिक खाएं (डॉक्टर से संपर्क करें)।
थर्ड डिग्री बर्न होने पर प्राथमिक चिकित्सा कैसे करें?
- थर्ड डिग्री बर्न में जितनी जल्दी हो सके मरीज़ को हॉस्पिटल ले जाएँ।
- उनके शारीर या कपड़ों को ना छुएं, वे घाव में चिपक सकते हैं।
- घाव में पानी ना लगायें।
- किसी भी प्रकार का ऑइंटमेंट ना लगायें।
5. सांप काटने पर प्राथमिक चिकित्सा First Aid for Snake Bite in Hindi
बहुत सारे सांप जहरीले नहीं होते उनके काटने पर घाव को साफ करने और दवाई लगाने से ठीक हो जाता है। लेकिन ज़रारिले सांप के काटने पर जल्द-से-जल्द फर्स्ट ऐड की आवश्यकता होती है।
सांप के काटने से त्वचा पर दो लाल बिंदु जैसे निशान आते है। नीचे दिए गए चित्र को देखें –
जहरीले सांप के काटने पर लक्षण सांप की प्रजाति के अनुसार होता है। कोबरा या क्रेट प्रजाति के सांप के काटने पर न्यूरोलॉजिकल/मस्तिक्ष सम्बन्धी लक्षण दीखते हैं जबकि वाईपर के काटने पर रक्त वाहिकाएं नस्ट हो जाती हैं।
सांप के काटने पर इलाज के लिए सही एंटी-टोक्सिन या सांप के सीरम को चुनने के लिए सांप की पहचान करना बहुत आवश्यक है।
सांप काटने पर लक्षण
- सांप के काटने का निशान’
- दर्द या सुन्न हो जाना दर्द के जगह पर
- लाल पड़ जाना
- काटे हुए स्थान पर गर्म लगना और सुजन आना
- सांप के काटे हुए निशान के पास के ग्रंथियों में सुजन
- आँखों में धुंधलापन
- सांस और बात करने में मुश्किल होना
- लार बहार निकलना
- बेहोश या कोमा में चले जाना
सांप के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स
- पेशेंट को आराम दें
- शांत और अशस्वाना दें
- सांप के काटे हुए स्थान को साबुन से ज्यादा पानी में अच्छे से धोयें
- सांप के काटे हुए स्थान को हमेशा दिल से नीचें रखें
- काटे हुए स्थान और उसके आस-पास बर्फ पैक लगायें ताकि इससे ज़हर(venom) का फैलना कम हो जाये
- पेशेंट को सूने ना दें और हर पल नज़र रखे
- होश ना आने पर ABC रूल अपनाएं
- जितना जल्दी हो सके मरीज़ को अस्पताल पहुंचाएं
6. कुत्ते के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा First Aid for Dog Bite in Hindi
एक कुत्ते के मुह के अन्दर 60 से भी ज्यादा अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस होते हैं जिनमे से कुछ बहुत ही खतरनाक होते हैं जैसे – उदाहरण के लिए : रेबीज(Rabies). किसी भी आदमी, बिल्ली, बंदर, घोड़े के काटने पर भी इन्फेक्शन होने का खतरा होता है।
कुत्ते के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा के स्टेप्स
- घाव को तुरंत अच्छे से साबुन और पानी से धोएं
- 5-10 मिनट तक धोएं
- धोते समय ज्यदा ना रगड़ें
- थोडा सा खून बहने दें इससे इन्फेक्शन साफ़ हो जाता है
- तुरंत अस्पताल जा कर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं